फर्स्ट-पर्सन शूटर गेम्स
फर्स्ट-पर्सन शूटर (FPS) गेम्स, शूटिंग गेम्स की एक उप-श्रेणी है और इन गेम्स में ऐसा पॉइन्ट ऑफ व्यू होता है कि प्लेयर्स को गेम कैरेक्टर के दृष्टिकोण से गेम की दुनिया दिखती है। क्योंकि इन गेम्स में बंदूकों का काफी प्रयोग होता है और प्लेयर को लगातार चलते रहना होता है, इसलिए ये गेम्स ऐक्शन श्रेणी की गेम्स होती हैं। प्रसिद्ध डूम गेम के साथ FPS गेम्स की श्रेणी 1993 में लोकप्रिय बनी, जिसे MS-DOS कमांड लाइन ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग करने वाले पर्सनल कंप्यूटरों पर खेला जा सकता था। डूम गेम में वर्चुअल 3D ग्राफिक्स और पावर-अप वस्तुएं मौजूद होती थीं, और लेवल भूल-भुलैया की तरह के होते थे जिनमें कई राक्षस होते थे। बाद में, 1998 में हाफ-लाइफ गेम ने पहले से बेहतर ग्राफिक्स और असली 3D की पेशकश की। इस गेम का सीक्वल हाफ-लाइफ 2 2004 में रिलीज हुआ और इसमें अच्छी कहानी और पहेलियां मौजूद थीं। गेम में मॉड्स या मॉडिफिकेशन जोड़ने के लिए हाफ-लाइफ 2 एक लोकप्रिय प्लैटफॉर्म बना। अब प्रसिद्ध काउंटर-स्ट्राइक नामक मॉड को 1999 में मुफ्त में रिलीज किया गया और ये अपने मुख्य हाफ-लाइफ गेम इंजन से भी ज्यादा लोकप्रिय बना, जिस इंजन पर यह चलने के लिए निर्भर था। काउंटर-स्ट्राइक ने मल्टीप्लेयर फर्स्ट-पर्सन शूटर गेम श्रेणी को लोकप्रिय बनाया, जो आज भी लोकप्रिय है।
गोल्डनआइ 007 (1997) और द हेलो सीरीज (2001) दो और ऐसे गेम्स थे जिनका प्रभाव काफी ज्यादा रहा, और ये दोनों गेम्स गेमिंग कंसोल पर उपलब्ध थे।
क्योंकि शूटर गेम्स में मल्टीप्लेयर सुविधाएं होती हैं, और ये ज्यादा एड्रेनालिन वाले उच्च-स्किल के गेम्स हैं, ये बढ़ती लोकप्रियता वाले ई-स्पोर्ट्स के लिए काफी महत्त्वपूर्ण थे।
FPS गेम्स के सुझाव
डेड सिटी (टचस्क्रीन)
फ्रीफॉल टूर्नामेंट (डेस्कटॉप)
डूम ट्रिपल पैक (फ़्लैश आवश्यक है)
लीडर स्ट्राइक (डेस्कटॉप)
कॉल ऑफ ज़ौंबीज़ (डेस्कटॉप)